मेरी कोरोना यात्रा
- एस एन घाटिया
सामान्यतः हम
यात्राएं स्वेच्छा से करते हैं, पर कभी-कभी जीवन में कुछ अनचाही यात्राएं भी करनी
पड़ जाती हैं| स्वाभाविक है कि ऐसी अनचाही यात्राएं शारीरिक और मानसिक रूप से
पीडादायक सिद्ध हो सकती है| मैं मेरी ऐसी ही अनचाही कोरोना यात्रा के अनुभव शेयर
करना चाहता हूँ|
09 04 2021 शुक्रवार: दोपहर
में खाना खाने के बाद मुझे हल्का सा बुखार रहा और बदन टूट रहा था| किसी काम में मन
लग नहीं रहा था| मुझे लगा कि यह कोविड वेक्सिनेशन की दूसरी डोज के इंजेक्शन का
साइड इफ़ेक्ट होगा| शाम होते-होते मैंने सोचा पैरासिटामोल (बुखार) की एक गोली ले
लेनी चाहिए| गोली लेने के आधे-पौन घंटे बाद कुछ चैन मिला और मन कुछ स्थिर हुआ| रात
को जल्दी सो गया और अच्छी नींद आई|
10 04 2021 शनिवार: सवेरे 5 बजे उठने पर बदन में ताजगी
महसूस कर रहा था| हर रोज की तरह स्टेडियम में आधे घंटे के लिए घूमने गया| घूमने आने वाले लगभग सभी लोग अब मास्क लगा कर आने
लग गए हैं| आपस में बातचीत में भी कोरोना की दूसरी लहर की ही चर्चा प्रमुख रहती
है| वहाँ से घर लौट कर ऊपर छत पर गया, प्राणायाम और कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग
एक्सरसाइज की| पौधों में पानी दिया और पूजा के लिए फूल ले कर नीचे आया| नाश्ता
किया, नहाया और पूजा-पाठ किया| कमरे में आ कर कंप्यूटर पर काम करने लगा तो फिर बदन
टूट सा रहा था, पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और काम करता रहा| बारह बजे खाना खाने के
बाद लगा कि बदन गरम है और हल्का सा बुखार आ रहा है| सोचा एक पैरासिटामोल ले लूं,
लेकिन फिर लगा कि अभी थोड़ी देर सो जाता हूं फिर जरूरत हुई तो ले लूंगा| दोपहर दो
बजे उठने पर बुखार नहीं था, हो सकता है थकान और नींद की कमी के कारण बुखार जैसा लग
रहा होगा| शाम तक सामान्य रूप से कार्य करता रहा| लेकिन शाम होते-होते फिर हल्का
सा बुखार होने लगा| भोजन करने के बाद कफ और खांसी भी होने लगी| अब मुझे थोड़ी चिंता
होने लगी| लेकिन यह सोच कर कि यह मौसम परिवर्तन के कारण होने वाला सर्दी-जुकाम है,
जो कि मुझे चैत्र-बैसाख में अक्सर हो जाता है| अतः एक पैरासिटामोल ले कर जल्दी सो
गया|
अगले दिन रविवार को भी लगभग यही स्थिति रही सिवाय इसके कि दिन में
गोली खाने की जरूरत नहीं पडी और केवल रात को सोने से पहले ली|
सोमवार को सुबह उठने पर बदन में दर्द हो रहा था| इसलिए मेरे मॉर्निंग
वाक के साथी बंसल सा. को फ़ोन कर मना कर दिया कि आज मैं घूमने नहीं आ पाऊँगा| दिन
में बुखार की एक गोली ली लेकिन शाम को इसकी जरूरत नहीं पडी|
13 04 2021 मंगलवार से नवरात्र आरंभ हो गए है| मैं हर बार रामचरितमानस का नवान्हपारायण करता
हूँ| बढ़ती हुई आयु के कारण डाक्टर की सलाह से पिछले एक वर्ष से नवरात्र में उपवास
के स्थान पर अब मैं एक समय भोजन करने लगा हूँ| इससे शरीर में थोड़ी स्फूर्ति और
शक्ति रहती है| पूजा-पाठ की व्यस्तता और शहर में तेजी से फैलते हुए कोरोना को
देखते हुए सुबह स्टेडियम में घूमने जाना भी बंद कर दिया|
अगले दो दिन बुधवार, गुरुवार को मैं सामान्य रूप से शांतिपूर्वक अपनी
दिनचर्या में व्यस्त रहा| किसी प्रकार की कोई विशेष शारीरिक कठिनाई नहीं महसूस की
सिवाय हल्की सी खांसी और जुकाम के, जिसके लिए पेरासिटामोल और विक्स ले कर अपने
दैनिक कार्य करता रहा|
16 04 2021 शुक्रवार: सुबह उठने पर मेरी पत्नी ने बताया कि उसे भी हल्की सी खांसी और जुकाम हो गया है|
इससे मुझे थोड़ी चिंता होने लगी कि कहीं यह संक्रमण मेरी वजह से तो नहीं है| स्नान
के पश्चात भगवान की सेवा-पूजा में रूई में इत्र लगा कर रख रहा था तो एकदम से लगा
कि आज इत्र की सुगंध महसूस नहीं हो रही है| ऐसा लगा कि जैसे दिमाग में खुशबू का
स्विच एकदम बंद हो गया है| सुगंध का महसूस न होना भी कोरोना का लक्षण होता है| फिर
मन को समझाया कि ऐसा तो सामान्य जुकाम में भी हो जाता है| लेकिन मन-ही-मन बैचेनी
बढ़ती गयी और शीघ्रता से पूजा-पाठ पूर्ण कर कोविड जांच कराने का निश्चय किया|
तलवंडी डिस्पेंसरी गया तो उन्होने कहा कि कोविड की RT-PCR जांच उनके यहाँ नहीं
होती है| पूछने पर उन्होंने दादाबाड़ी डिस्पेंसरी जाने की सलाह दी| वहाँ बताया कि
आज की जांच का कार्य तो पूरा हो गया है, कल आना|
17 04 2021 शनिवार: सुबह दैनिक कार्यों और पूजा पाठ से
निवृत्त हो कर हम दोनों 10 बजे दादाबाड़ी डिस्पेंसरी पहुँच कर लाइन में लग गए| वहाँ कोविड जांच के लिए लंबी
लाइन लगी हुई थी और दो घंटे से पहले नंबर आने की संभावना नहीं थी| इसलिए सोचा इस बीच
में डाक्टर को दिखा लेते हैं| डाक्टर के यहाँ लाइन में दो-चार लोग ही थे, इसलिए
तुरंत नंबर आ गया| दोनों की दवा की पर्ची बनवा दवा ले कर वापस लाइन में अपने स्थान
पर खड़े हो गए| लगभग 12 बजे हमारा नंबर आया और हमारे गले में से लार का सेम्पल लिया
गया| सेम्पल देने के बाद तुरंत 5 मिनट में मोबाइल पर मैसेज आ गया जिसमे हमारे
सेम्पल की SRF ID के साथ सलाह दी गयी थी कि टेस्ट की रिपोर्ट आने तक हम आइसोलेशन
में रहें| हमें बताया गया कि सैम्पल गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कोटा की लैब को भेज
दिया गया है| पूछने पर बताया कि सैंपल की संख्या बहुत अधिक होने से आजकल टेस्ट की
रिपोर्ट आने में तीन दिन लग रहे हैं| बाद में समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ कि
गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज लैब में आठ-आठ घंटे की पारियों में तीन जांच टीमे RT-PCR
का कार्य कर रही हैं|
घर आ कर डिस्पेंसरी से मिली दवाओं को खोल कर देखा तो उनमे मेरे लिए 5
दिन की निम्नलिखित दवाएं थी:
1.
Azithromycin 500 mg
(एंटीबायोटिक गोली) 5
2.
Paracetamol 500 mg
(बुखार की गोली) 10
3.
विटामिन, कैल्शियम,
जिंक आदि सप्लीमेंट्स की गोलियां
4.
कफ सीरप
5.
ORS Powder के दो
पैकेट
गीता के लिए भी यही दवाएं थी पर उसके लिए तीन दिन का ही कोर्स था| उसने
पीठ दर्द के बारे में भी डाक्टर को बताया था इसलिए दर्द निवारक क्रीम की ट्यूब भी
दी थी|
डिस्पेंसरी में तीन घंटे तक खड़े-खड़े बहुत थक गए थे| अतः घर आ कर फुर्ती
से भोजन कर बताई गयी दवाएं ले कर सो गया| दो घंटे के बाद नींद खुली तो काफी तरोताजा
और स्वस्थ महसूस कर रहा था, दर्द, बुखार, खांसी कुछ नहीं था| मन ही मन डाक्टर को
धन्यवाद दिया कि बिना किसी लंबी-चौड़ी जांचों के, केवल क्लिनिकल ऑब्जरवेशन के आधार
पर ही उन्होंने बिलकुल सही दवाएं दे दी| आज मुझे लगा कि सरकारी अस्पतालों में
व्यवस्थाएं इतनी खराब नहीं हैं जितनी कि बताई जाती है, बल्कि कई मायनों में
प्राइवेट अस्पतालों से बेहतर है| इसका एक और प्रत्यक्ष प्रमाण यह मिला कि गीता
केवल तीन दिन की दवाओं के कोर्स से बिलकुल ठीक हो गयी|
ऑक्सीजन के सेचुरेशन लेवल को चेक करने के लिए मैंने ऑक्सीमीटर भी
मंगवा लिया| हम दोनों का ऑक्सीजन लेवल 97-98 था| मेडिकल पैरामीटर्स के अनुसार
सामान्य रूप से ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 94 से ऊपर रहना चाहिए| वैसे भी, हमें सांस
में कोई कठिनाई नहीं थी|
19 04 2021 सोमवार को
शाम को 7:48 पर गीता की नेगेटिव रिपोर्ट का निम्नलिखित मैसेज आ गया:
“COVID 19 test result of GEETA (India) SRF ID 0810900478350 on date
17/04/2021 found Negative. The test has been done by RTPCR. Health Dept.
Govt. of Rajasthan.”
इस नेगेटिव रिपोर्ट से मन को बहुत राहत मिली| लेकिन मेरी रिपोर्ट नहीं
आने से मन में आशंका बनी हुई थी|
20 04 2021 मंगलवार को सुबह मोबाइल खोला तो देर रात मेरा
मैसेज भी आया हुआ था जिसमे मेरी रिपोर्ट पोजिटिव बताई गयी थी और निम्नलिखित
सावधानियों के लिए कहा गया था:
“COVID 19 test result of SATYANARAYAN (India) SRF ID 0810900478334
on date 17/04/2021 found Positive. The test has been done by RTPCR.
Health Dept. Govt. of Rajasthan.”
“कोविड रोगी टोल फ्री न. 181 पर निम्न सुविधा हेतु संपर्क करें| 1.
अस्पताल में बैड, आईसीयू एवं वेंटिलेटर| 2. होम आइसोलेशन रोगी हेतु मेडिकल टीम व
दवाइयां| 3. होम आइसोलेशन हेतु स्थान उपलब्ध न होने पर| 4. पोस्ट कोविड (कोरोना
रोग अवधि पश्चात) परामर्श| 5. ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से कम होने पर| 6. सांस लेने में
तकलीफ होने पर| Medical & Health, GOR”
कोरोना पोजिटिव होने के इस मैसेज को पढ़ कर
मैं एकदम सन्न रह गया और मन में कई तरह की दुश्चिंताएं होने लगी और नकारात्मक
विचार मन में आने लगे| थोड़ी देर मन ही मन सोच-विचार के बाद निश्चय किया कि घबराने
से काम नहीं चलेगा और जो समस्याजनक स्थिति है उसे स्वीकार कर उसका समाधान करना
पडेगा| अच्छी बात यह थी कि मेरा ऑक्सीजन लेवल सामान्य था और मुझे सांस लेने में कोई
दिक्कत नहीं हो रही थी| साथ ही, पिछले दो दिन से डाक्टर द्वारा दी गयी एंटीबायोटिक
गोलियां और अन्य दवाएं नियमित रूप से लेते रहने के कारण बुखार और खांसी भी कंट्रोल
में थे| एक और अच्छी बात यह थी कि हमने वेक्सिनेशन की दोनों डोज बहुत पहले ही (03
03 2021 और 04 04 2021 को) लगवा रखी थी| अखबारों और सोशल मीडिया पर यह पढ़ रखा था
कि दोनों डोज लगाने के बाद भी कोरोना हो सकता है पर वेक्सिनेशन के कारण रोगी जल्दी
ठीक हो जाता है, बस सावधानीपुर्वक रहना होगा| सबसे पहले तो मैंने गीता को मेरी
पोजिटिव रिपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि अब मैं कमरे में अकेला आइसोलेशन में
रहूँगा| इसके बाद टोल फ्री न.181 पर फोन कर उन्हें मेरी पोजिटिव रिपोर्ट और
वर्त्तमान शारीरिक स्थिति के बारे में बताया| उन्होंने पूछा अस्पताल में भरती होना
चाहते हो या घर पर ही आइसोलेशन में रहना चाहते हो| अब तक मेरी प्रारंभिक घबराहट
दूर हो चुकी थी और मैं नार्मल महसूस कर रहा था| अतः मैंने हॉस्पिटल में भरती होने
के बजाय घर पर ही आइसोलेशन में रहने की इच्छा जताई| उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में
आपके लिए आवश्यक दवाओं की व्यवस्था कर दी जाएगी| करीब एक बजे तलवंडी से फोन आया कि
आप किसी को भेज कर अपनी दवाएं मंगवा लें और आप स्वयं घर से बाहर न निकलें|
कोरोना की दवाईयों की किट में पांच दिन का
कोर्स था और सारी दवाईयां लगभग वही थी जो मुझे 17 04 2021 को डाक्टर ने दादाबाड़ी
डिस्पेंसरी से दी थी| अगले तीन दिनों तक मैं ये दवाईयां लेता रहा और अपने दैनिक
रूटीन में बिना किसी रुकावट के व्यस्त रहा| रोज सुबह छत पर जाता था जहां पौधों में
पानी देना, प्राणायाम और हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज चालू रखी|
22 04 2021 गुरुवार: मैंने नोटिस
किया कि दस्त पतली आने लग गयी हैं और भोजन करने या कुछ भी खाने के बाद पेट में
मरोड़ उठती है जिसके कारण बाथरूम जाना पड़ता है| इसके बारे में जानकारी लेने पर
बताया गया कि यह एंटीबायोटिक Azithromycin गोली का साइड इफ़ेक्ट है और इस गोली को लेना बंद करने पर
दस्त नार्मल हो जाएँगी|
23 04 2021 शुक्रवार को सुबह उठने पर बहुत तरोताजा महसूस कर
रहा था, पिछले 24 घंटों में बुखार भी नहीं
आया था और रात में नींद भी अच्छी आई थी| मन की आशंकाएं अब नगण्य सी रह गयी थी|
पोजिटिव रिपोर्ट आने के बाद दिन में एक-दो बार डिस्पेंसरी और कोविड कंट्रोल रूम से
फोन पर मेरे हालचाल पूछते रहते थे और मैं उन्हें धन्यवाद्पूर्वक अपनी सुधरती हुई
स्थिति के बारे में बताता रहता था|
26 04 2021 सोमवार: खांसी-बुखार की लगभग सामान्य स्थिति
रही, लेकिन पतली दस्तों की समस्या से मैं चिंतित था और लग रहा था कि इसके कारण दिन
में एकाध बार हल्का सा बुखार भी आने लगा है जिसके लिए पेरासिटामोल गोली लेनी पड़ती
है| आज दिन में डिस्पेंसरी से फोन आने पर अपनी इस चिंता के बारे में बताने पर
उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इसका कुछ समाधान निकालेंगे| लेकिन शाम तक वहाँ से कोई
फोन नहीं आया| आज मेरा एंटीबायोटिक्स का 10 दिन का कोर्स भी पूरा हो गया था| शाम का
भोजन करने के बाद सोने पर रात को 11 बजे नींद खुल गयी, गला सूखा हुआ था, पेट में
मरोड़ आ रही थी, हाथ-पाँव में खुजली चल रही थी और खांसी भी थी| बाथरूम गया तो काफी
पतली दस्त आई| ORS का घोल बना कर पिया| खांसी के लिए एक चम्मच सीरप लिया| सोने की
कोशिश की, लेकिन हाथ-पाँव में खुजली के कारण नींद नहीं आई| इस सारे चक्कर में रात
की एक बज गयी थी| फिर खुजली के लिए Cetrizine की गोली ली तब आधे घंटे बाद नींद आ
गयी और सुबह अपने नियमित समय पर 5 बजे उठ गया| रात के इस कष्टदायक अनुभव के पश्चात
मैंने निश्चय किया कि पेट की गडबडी के लिए किसी फिजिशियन डाक्टर को दिखा लेना
चाहिए|
27 04 2021 मंगलवार: सुबह पूजा-पाठ से निवृत्त हो कर
फिजिशियन को दिखाने गया| उन्होंने RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव होने के कारण सीटी स्कैन
कराने के लिए कहा| मैंने उन्हें बताया कि मेरा ऑक्सीजन लेवल लगातार 97-98 रहता है
और मुझे सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं है| मैंने कहा मेरी मुख्य समस्या तो
पतली दस्तें आना है| इस पर उन्होंने कहा कि आप 75 वर्षीय सीनियर सिटीजन हो और हम
कोई रिस्क नहीं ले सकते हैं, इसलिए सीटी स्कैन आवश्यक है| इसके साथ ही उन्होंने
Sugar (R), CBC, CRP (क्यू), LDH आदि के लिए ब्लड की जांचें भी लिख दी| पतली
दस्तों के लिए तीन दिन की Zanocin OZ एंटीबायोटिक गोली और Vebact DS कैप्सूल लिखा|
सीटी स्कैन में लंग्स में कोई इन्फेक्शन नहीं निकला और ब्लड रिपोर्ट में भी सब कुछ
सामान्य था|
28 04 2021 बुधवार को फिर फिजिशियन को दिखाने गया और बताया
कि गोलियां लेने के बाद पतली दस्तों में कुछ सुधार है और बुखार भी नहीं आया है|
उन्होंने गोलियां-कैप्सूल तीन के बजाय पांच दिन लेने के लिए कहा| कोरोना के लिए नई
RT-PCR जांच कराने की आवश्यकता के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि आपका सीटी
स्कैन बिलकुल नार्मल है और अब आपको कोरोना नहीं है और न ही किसी नई जांच की
आवश्यकता है|
29 04 2021 गुरुवार: भगवान की सेवा-पूजा में रूई पर इत्र
लगा कर रखने पर हल्की सी खुशबू महसूस हुई| बहुत प्रसन्नता हुई| मन-ही-मन डाक्टरों
और भगवान को धन्यवाद दिया कि 14 दिन बाद मेरी घ्राण शक्ति वापस लौट आई है और
बुखार-खांसी से भी मुक्त हो गया हूँ|
30 04 2021 शुक्रवार: पूरे तीन सप्ताह पहले मेरे मन-मस्तिष्क और देह में व्याप्त हुआ कोरोना-भय अब
प्रभु कृपा से दूर हो गया है, इसके लिए सभी को कृतज्ञतापूर्वक नमन|
इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में मेरे अनुभव के आधार पर मैं कोई निष्कर्ष
नहीं दे रहा हूँ क्योंकि रोग की दुखद शुरूआत, गंभीरता, शारीरिक-मानसिक प्रभाव,
इलाज, दवाओं और सुखद समापन के बारे में मैंने विस्तारपूर्वक वर्णन कर दिया है|
प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक-मानसिक स्थिति भिन्न होती है| अतः पाठक इस विवरण के
आधार पर अपने निष्कर्ष स्वयं ही ले सकते हैं| डाक्टर द्वारा निर्धारित औषधियां
लेते रहें और अपने मन से या सुनी-सुनाई बातों के आधार पर कोई दवा न लें|
सामान्य रूप से इतना और कह सकता हूँ कि कोरोना की पोजिटिव रिपोर्ट आने पर
भी मन में नेगेटिव विचार न रखें, मेडिकल टीम और भगवान पर भरोसा रखते हुए
शांतिपूर्वक मन को स्थिर रखें, विचलित न हों|
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